Ganesh Chaturthi 2025: 27 अगस्त को बप्पा का आगमन – इस खास मुहूर्त में करें स्थापना, मिलेगी अपार संपत्ति!

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🚨 अगले 5 दिन में बदल जाएगी आपकी किस्मत! गणपति बप्पा के सबसे शुभ समय की जानकारी यहाँ!

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाने वाला यह महत्वपूर्ण त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 27 अगस्त दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा।

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गणपति बप्पा मोरया! आइए जानते हैं 2025 की गणेश चतुर्थी के सबसे शुभ मुहूर्त और स्थापना की विधि जो आपके जीवन में लेकर आएगी अपार खुशियां और समृद्धि।

त्वरित जानकारी: गणेश चतुर्थी 2025

विवरणसमय/तिथि
गणेश चतुर्थी तिथि27 अगस्त 2025 (बुधवार)
चतुर्थी शुरुआत26 अगस्त, दोपहर 1:54 बजे
चतुर्थी समाप्ति27 अगस्त, दोपहर 3:44 बजे
गणेशोत्सव अवधि10 दिन
अनंत चतुर्दशी6 सितंबर 2025 (शनिवार)
सबसे शुभ समयप्रातःकाल 6:00 से 12:00 बजे तक

गणेश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त 2025: ये समय है सोने से भी कीमती!

भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि पर गणपति स्थापना और पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि और बाधा निवारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेश स्थापना का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

27 अगस्त 2025 के सबसे शुभ मुहूर्त:

प्रातःकालीन शुभ मुहूर्त:

  • सबसे उत्तम समय: सुबह 6:15 से 8:30 बजे तक
  • द्वितीय शुभ काल: सुबह 10:45 से दोपहर 12:15 बजे तक
  • तृतीय मुहूर्त: दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक

मध्याह्न काल मुहूर्त:

  • विशेष शुभ समय: दोपहर 11:00 से 1:00 बजे
  • गणेश पूजन हेतु: मध्याह्न 12:00 बजे का समय सर्वोत्तम

⚠️ महत्वपूर्ण सूचना: चंद्र दर्शन के समय गणेश स्थापना न करें। इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है।

गणेश स्थापना की संपूर्ण विधि: इस तरह करें तो बरसेगी कृपा!

चरण 1: पूर्व तैयारी (26 अगस्त की रात्रि)

  • घर की संपूर्ण सफाई करें
  • पूजा स्थान को पवित्र करें
  • गंगाजल से घर का छिड़काव करें
  • रंगोली बनाएं और फूलों से सजावट करें

चरण 2: गणेश प्रतिमा की स्थापना (27 अगस्त प्रातः)

आवश्यक सामग्री:

  • गणेश प्रतिमा (मिट्टी की हो तो उत्तम)
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी)
  • फूल और माला (गेंदे के फूल विशेष शुभ)
  • धूप, दीप, चंदन
  • मिठाई (मोदक, लड्डू अवश्य रखें)
  • दूर्वा घास (21 पत्तियां)
  • नारियल, सुपारी, इलायची
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स्थापना की विधि:

  1. प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  2. गणेश मंत्र का जाप करते हुए प्रतिमा स्थापित करें:

“ॐ गं गणपतये नमः”

  1. प्राण प्रतिष्ठा करें और आवाहन मंत्र पढ़ें
  2. षोडशोपचार पूजा करें
  3. आरती करें और प्रसाद वितरित करें

गणेश चतुर्थी 2025: इन नियमों का पालन करना है जरूरी!

करने योग्य कार्य:

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें
21 दूर्वा पत्तियां अर्पित करें
मोदक का भोग जरूर लगाएं
गणेश अष्टोत्तर का पाठ करें
दान-पुण्य का विशेष ध्यान दें

वर्जित कार्य:

चंद्र दर्शन न करें (श्राप का भय)
मांस-मदिरा का सेवन न करें
क्रोध या कलह न करें
तुलसी के पत्ते गणेश जी को न चढ़ाएं
केतकी के फूल का प्रयोग न करें

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का निषेध: क्यों है खतरनाक?

शास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन वर्जित है। पुराणों में वर्णन है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या कलंक का सामना करना पड़ सकता है।

यदि गलती से चंद्रमा दिख जाए तो:

  • तुरंत “कृष्णं वंदे जगद्गुरुम” मंत्र का जाप करें
  • श्री कृष्ण का स्मरण करें
  • स्यमंतक मणि की कथा सुनें या पढ़ें

गणेशोत्सव 2025: 10 दिनों का भव्य आयोजन

इस वर्ष गणेशोत्सव 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक चलेगा। यह 10 दिवसीय उत्सव अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता है।

मुख्य उत्सव दिवस:

  1. गणेश चतुर्थी (27 अगस्त) – स्थापना दिवस
  2. पंचमी (28 अगस्त) – विशेष पूजा
  3. षष्टी (29 अगस्त) – छठे दिन का व्रत
  4. सप्तमी (30 अगस्त) – सप्तम दिवस पूजा
  5. अष्टमी (31 अगस्त) – अष्टविनायक स्मरण
  6. नवमी से त्रयोदशी (1-5 सितंबर) – निरंतर पूजा
  7. अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर) – विसर्जन दिवस
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गणेश जी की आरती और मंत्र: इनसे होगी सभी मनोकामनाएं पूरी!

गणेश आरती:

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।

मुख्य गणेश मंत्र:

  • बीज मंत्र: “ॐ गं गणपतये नमः”
  • महामंत्र: “ॐ गणेश्याय नमः”
  • सिद्धि मंत्र: “ॐ श्रीं गं सौः गणपतये वर-वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा”

विसर्जन की तैयारी: 6 सितंबर अनंत चतुर्दशी

विसर्जन के नियम:

  • अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करें
  • गणपति बप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या कहते हुए विदाई दें
  • पर्यावरण अनुकूल विसर्जन करें
  • जल में घुलने वाली मिट्टी की मूर्ति का उपयोग करें

गणेश चतुर्थी 2025 के विशेष योग और फल

ज्योतिषीय लाभ:

  • बुधवार को पड़ने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि
  • भाद्रपद मास में होने से आध्यात्मिक लाभ
  • शुभ नक्षत्र में स्थापना से मंगलकारी फल

राशि अनुसार फल:

  • मेष: व्यापार में वृद्धि
  • वृषभ: धन लाभ के योग
  • मिथुन: बुद्धि विकास
  • कर्क: पारिवारिक सुख
  • सिंह: मान-सम्मान में वृद्धि
  • कन्या: स्वास्थ्य लाभ

निष्कर्ष: गणपति बप्पा की कृपा पाने का सुनहरा अवसर

गणेश चतुर्थी 2025 एक अत्यंत शुभ और मांगलिक अवसर है। 27 अगस्त से इस पर्व की शुरुआत हो रही है और यह समय आपके जीवन में नई खुशियां लेकर आ सकता है। सही मुहूर्त में, सही विधि से गणेश स्थापना करके आप प्राप्त कर सकते हैं:

गणपति बप्पा के आशीर्वाद:

🌟 विघ्न निवारण – सभी बाधाओं का नाश
🌟 बुद्धि वृद्धि – ज्ञान और विवेक की प्राप्ति
🌟 धन समृद्धि – आर्थिक स्थिति में सुधार
🌟 पारिवारिक सुख – घर में शांति और प्रेम
🌟 मनोकामना पूर्ति – इच्छाओं की सिद्धि

गणपति बप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया!

इस गणेश चतुर्थी 2025 में बप्पा का स्वागत करें सही विधि-विधान से और पाएं उनका असीम आशीर्वाद। जय श्री गणेश!


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