नई दरें लागू – 4% से 5% तक टोल में बढ़ोतरी
भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से देशभर में टोल टैक्स दरों में 4 से 5 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। ये नियम राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख एक्सप्रेसवे पर लागू किए गए हैं। टोल दरों में बदलाव खासतौर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर हाईवे और अन्य व्यस्त रूट्स पर देखा गया है।
FASTag नियमों में सख्ती – ब्लैकलिस्टिंग से बचना जरूरी
अब नए नियमों के तहत अगर FASTag में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो वह ब्लैकलिस्ट हो सकता है। साथ ही बार-बार रिचार्ज में देरी करने वालों पर अतिरिक्त शुल्क भी लगाया जा सकता है। इसलिए वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे FASTag अकाउंट में ऑटो रिचार्ज सुविधा चालू रखें।
किलोमीटर-आधारित टोल नीति की तैयारी
सरकार किलोमीटर-आधारित टोल वसूली प्रणाली लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत वाहन मालिकों से उतना ही टोल लिया जाएगा, जितना उन्होंने सफर किया है। यह नीति पहले चरण में कुछ पायलट हाईवे पर शुरू होगी, और बाद में पूरे देश में लागू की जा सकती है।
टोल टैक्स वृद्धि का असर आम जनता पर
दैनिक यात्रा करने वाले वाहन चालकों और लॉजिस्टिक कंपनियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, ANPR तकनीक और GNSS आधारित सिस्टम भविष्य में टोल को ज्यादा पारदर्शी और डिजिटल बना सकता है।
क्या पहले 20 KM टोल फ्री होगा?
कुछ प्रस्तावों में यह बात सामने आई है कि पहले 20 किलोमीटर तक टोल फ्री किया जा सकता है, खासकर शहरों के अंदर आने-जाने वाले ट्रैफिक के लिए। हालांकि, इसे अभी आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली है, पर नीति आयोग इस पर विचार कर रहा है।
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FAQ: टोल टैक्स नियम 2025
1 अप्रैल से टोल कितना बढ़ा है?
सरकार ने 4 से 5 प्रतिशत तक टोल दरें बढ़ा दी हैं। हर रूट पर बढ़ोतरी अलग-अलग है।
FASTag ब्लैकलिस्ट कब होता है?
अगर FASTag अकाउंट में बैलेंस नहीं है या समय पर रिचार्ज नहीं किया गया तो वह ब्लैकलिस्ट हो सकता है।
किलोमीटर आधारित टोल क्या है?
इसमें वाहन से उसी दूरी के लिए टोल लिया जाएगा जितना वह चला है — GNSS या ANPR तकनीक से ट्रैक किया जाएगा।
क्या कोई रूट टोल फ्री रहेगा?
शहरों के अंदर 20 किलोमीटर तक टोल फ्री रखने पर विचार हो रहा है, लेकिन अभी लागू नहीं है।